सेना प्रमुख: जनरल उपेंद्र द्विवेदी बने भारत के नए सेना प्रमुख, जनरल मनोज पांडे हुए सेवानिवृत।

सेना प्रमुख: जनरल उपेंद्र द्विवेदी बने भारत के नए सेना प्रमुख, जनरल मनोज पांडे हुए सेवानिवृत।

राष्ट्र – सेना प्रमुख: जनरल उपेंद्र द्विवेदी बने भारत के नए सेना प्रमुख, जनरल मनोज पांडे हुए सेवानिवृत। उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार को 30वें सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाल लिया। वर्तमान सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे आज ही सेवानिवृत्त हुए हैं। चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर व्यापक ऑपरेशनल अनुभव रखने वाले जनरल द्विवेदी इससे पहले सेना के उप प्रमुख के रूप में कार्यरत थे। सेना प्रमुख के रूप में उन्हें थिएटर कमांड शुरू करने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर नौसेना और भारतीय वायु सेना के साथ समन्वय करना होगा।

अब तक 40 साल के लंबे और असाधारण कैरियर में विभिन्न पदों पर रहते हुए लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को परम विशिष्ट सेवा पदक (PVSM), अति विशिष्ट सेवा पदक (AVSM) और तीन जीओसी-इन-सी प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी सेना के कमांडर के तौर पर जनरल द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियानों के संचालन के अलावा, उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर अभियान के संचालन की योजना और कार्यान्वयन के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन और परिचालन संबंधी अंतर्दृष्टि प्रदान की है।

लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी का जन्म 1 जुलाई 1964 को हुआ था। उनकी प्रारंभिक पढ़ाई सैनिक स्कूल रीवा से हुई। आगे की शिक्षा नेशनल डिफेंस कॉलेज और यूएस आर्मी वॉर कॉलेज से प्राप्त की। जनरल द्विवेदी के पास रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एम फिल (M. Phil.) और सामरिक अध्ययन और सैन्य विज्ञान (Strategic Studies & Military Science) में दो मास्टर डिग्री हैं। उन्हें 15 दिसंबर, 1984 को भारतीय सेना की इन्फैंट्री जम्मू और कश्मीर राइफल्स में कमीशन मिला था।

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सेना के उप प्रमुख के रूप में नियुक्त होने से पहले 2022-24 तक महानिदेशक इन्फैंट्री और जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ सहित कई अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं। जनरल द्विवेदी ने 13 लाख कर्मियों वाली सेना का प्रभार ऐसे समय संभाला है, जब भारत चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) सहित विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। वह भारतीय सेना की सबसे बड़ी सैन्य कमान के आधुनिकीकरण में भी शामिल रहे। उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत स्वदेशी हथियारों को अपनाने के अभियान का नेतृत्व किया।