तिरुनलार शनिश्वरन मंदिर

तिरुनलार शनिश्वरन मंदिर
November 2, 2024 at 4:45 am

तिरुनलार शनिश्वरन मंदिर: भगवान शिव और शनिदेव को समर्पित यह मंदिर भारत के पांडिचेरी के कराईकल जिले के थिरुनल्लर गांव में स्थित है। यहाँ के मुख्य देवता भगवान शिव, धरबरनीश्वर हैं और थिरुनलार को ऐतिहासिक रूप से धरबन्यम भी कहा जाता है। इसलिए इस मंदिर को धरबरनीश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस प्राचीन मंदिर में, शनिदेव के साथ-साथ नवग्रहों की भी पूजन की जाती है और यह तमिलनाडु के 9 मुख्य नवग्रह मंदिरों में से एक माना जाता है।
तमिल कवि, ‘संभार’ के चार भजनों में मिले उल्लेख के अनुसार, शनिश्वरन मंदिर की स्थापना 7वीं सदी में की गई थी। इस 1300 साल पुराने मंदिर की स्थापना चोल वंश के राजा, मुचुकुंता द्वारा की गई थी। यह मंदिर, चोल साम्राज्य के बेहतरीन वास्तुकला और शिल्पकला का एक बेमिसाल नमूना है। इस मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित है, परंतु इस मंदिर के पहरेदार के रूप में भगवान शनि को माना जाता है और इसे भारत के प्रसिद्ध शनि धामों में से एक माना जाता है।
मूल रूप से यह स्थान, धारबा घास या कुसा घास के रूप में एक जंगल था। लिंगम के शरीर पर घास की छाप आज भी देखी जा सकती है। ‘धारबा’ एक प्रकार की ‘घास‘ है और अरण्यम का अर्थ है, ‘वन’ और इसलिए धारबा से प्राप्त भगवान के लिए धरबारण्येश्वर नाम चुना गया। वहां यह दोनों सदियों से एकसाथ विराजमान है। मान्यतानुसार, भगवान शिव की पूजा से पहले सभी भक्तों को शनि भगवान की पूजा करना आवश्यक है, ऐसा न करने से उन्हें मनचाहा फल प्राप्त नहीं होगा।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहाँ भगवान शनि ने, अपनी सारी शक्ति भगवान शिव (धरबारण्येश्वर) को दे दी थी, जिसके फल स्वरुप भगवान शिव ने अपने भक्त, नालन को शनि के श्राप से बचा लिया था। ऐसा माना जाता है कि यहाँ के ‘नालन तीर्थम’ में स्नान करने से व्यक्ति के पिछले कर्मों के कारण होने वाले सभी प्रकार के दुर्भाग्य और कष्ट दूर हो जाते हैं। भगवान शनि की पूजा के लिए यहां लगभग रोज ही भक्तों का बड़ी संख्या में जमावड़ा होता है, लेकिन ढाई साल में एक बार, जब शनि अपनी राशि बदलते हैं, तब यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं। इस मंदिर की मान्यता है कि शनि की साढ़ेसाती, ढैया और महादशा से पीड़ित लोगों को यहाँ दर्शन करने चाहिए। इससे शनि से होने वाली समस्याओं का समाधान होता है।