मधुर महागणपति मंदिर: प्रथम पूज्य मंगलमूर्ति भगवान गणेश को समर्पित यह मंदिर भारत के केरल प्रांत में कासरगोड शहर से करीब 7 किमी दूर मधुवाहिनी नदी के तट पर स्थित है। इसका इतिहास 10वीं शताब्दी का माना जाता है। प्रारंभ में यहां शिवजी का ही मंदिर था, लेकिन बाद में ये गणेशजी का मुख्य मंदिर बन गया। मंदिर में एक तालाब है। यहां प्रचलित मान्यता के अनुसार तालाब का पानी औषधीय गुणों से भरपूर है।
इस मंदिर से जुड़ी सबसे रोचक बात ये है कि शुरुआत में ये भगवान शिव का मंदिर था लेकिन पुजारी के छोटे से बेटे ने मंदिर की दीवार पर भगवान गणेश की प्रतिमा का निर्माण किया। कहते हैं मंदिर के गर्भगृह की दीवार पर बनाई हुई बच्चे की प्रतिमा धीरे-धीरे अपना आकार बढ़ाने लगी। वो हर दिन बड़ी और मोटी होती गई। उस समय से ये मंदिर भगवान गणेश का बेहद खास मंदिर हो गया। यहां का प्राकृतिक वातावरण बहुत ही मनमोहक है। इसीलिए यहां हर साल हजारों पर्यटक पहुंचते हैं।
मुदप्पा सेवा यहां मनाया जाने वाला एक विशेष त्यौहार है, जिसमें भगवान गणपति की प्रतिमा को मीठे चावल और घी के मिश्रण से ढंक दिया जाता है, जिसे मुदप्पम कहते हैं। कहते हैं कि मधुर महागणपति मंदिर में एक बार टीपू सुलतान आया और उसने मंदिर को ध्वस्त करना चाहा। लेकिन अचानक ही उसका दिमाग बदल गया और वह बिना मंदिर को क्षति पहुंचाए ही वापस चला गया।